Sunday 1 January 2017

Kavita By Hari Malhotra


अँधेरे को देखना
ख़ामोशी को सुनना
अजब सत्गुरु तेरी
बंदगी के तरीके हैं।

अँधा होना होगा
गूंगा बन जाना होगा
अंतर में अपने ही
सत्गुरु को पाना होगा

बाहर से नियम
भीतर से संयम
तभी तो होगा
शाश्वत संगम