Wednesday, 10 August 2011

राहुल के दोहे


बड़े भाग मानुस तन पाया  | प्रभु मिलन का मोका आया |
         चुक ना जाये इस बार कही | यही संतो ने है फरमाया ||
कल था कही आज यहाँ हूँ | कल रहूँगा कही और |
              यह प्रभु मिलन कि बरिया | कह राहुल कर गौर ||
संत मिलये तो जानिए  - धर्म, काम, अर्थ, मोक्ष |
              सतगुरु मिलये तो पाईये - मिटे जनम मरण दोष ||
बिन बोलिया रब सब जान्दा | वो भक्तां नु पहचानता |
         जाके हिरदे सतगुरु बसे | सोही भेद जान मोजा मारता ||
सतगुरु मिलये तो भूख प्यास - सब कुछ भूल जाये |
            हरपल सतगुरु ध्यान में - सतगुरु में ही रहा समाये ||
                     कह राहुल ये तन दुर्लभ | होए न बारम्बार |
                      यही वक्त यही वेला | समय से लेत सवार ||
हरी भक्ति बिन जिव जगत में - जाने पसु समाना |
                 जैसे बिन फल के पोधा - जाये है व्यर्थ उगाना ||

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