BHAJANS

                                 BHAJAN 1


O.O.O...Ganga Maiya Maiya .O.Ganga Maiya Maiya ...
OGanga Maiya Maiya ..O Ganga Maiya Maiya
O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe
Mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe ....
O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe
Mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe .
maiya...o ganga maiya...maiya o ganga maiya......

Jab Se tera hai deeedar paya...
Jab Se tera hai deeedar paya....

Koi Dooja na Man main Samaya........
Koi Dooja na Man main Samaya.
Hain Bhale ya bure Par rahenge Tere ...
Hain Bhale ya Bure Par rahenge Tere.....
Tere charno main ye zindagini rahe ...Zindagini Rahe.....


maiya........o ganga maiya.....maiya o ganga maiya......


O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe ....
O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe .

Deen Dukhiyon Ka tu hai Sahara..
Deen Dukhiyon Ka tu hai Sahara...

Tujh main Dekha Prabhu Ka Nazara....
Tujh main Dekha Prabhu Ka Nazara....
Tu hai Rehabar mera...main hun sevak tera..
Tu hai Thakur mera main hun Sewak tera...
Bas Teri aur meri ye Khani rahe.......Kahani Rahe.......


maiya........o ganga maiya.....maiya o ganga maiya......

O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe ....
O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe .

Bhool Hum ko kahi tum na jana...
Bhool Hum ko kahi tum na jana...

Apne Bhagton ka dil na dukhana....
Apne Bhagton ka dil na dukhana...
Rooth na na Kabhi Tum ko meri kasam..
Rooth na na Kabhi Tum ko meri kasam..
Chahe kitni bhi mere Naadani Rahe Naadani rahe..

maiya........o ganga maiya.....maiya o ganga maiya......

O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Teri Zindagini Rahe Zindagini Rahe ....
O Ganga Maiya main jab tak ye paani rahe mere Sadguru Tere Zindagini Rahe Zindagini Rahe .
O...Ganga Maiya Maiya .O.Ganga Maiya Maiya ...OGanga Maiya Maiya ..O Ganga Maiya Maiya ....................................



                                 BHAJAN 2


Baharoon Phool Barsao Mere Guru Dev Aaye hai....
Mere Guru Dev Aaye hai....
Bhakti ke Pushp Barsao ..Mere Guru Dev Aaye hai...
Mere Guru Dev Aaye hai...
Baharoon Phool Barsao Mere Guru Dev Aaye hai....
Mere Guru Dev Aaye hai.....

Jidhar ko najar jate hai nazare he nazare hain...
Shri Guru Dev ke charno main Sahare he Sahare hain...
Baharoon youn na Sharmao ..Ye Bkshanhaar Aayen hain Bakshanhaar aaye hain.....

Baharoon Phool Barsao Mere Guru Dev Aaye hai....Mere Guru Dev Aaye hain.....

Guru Brahma Guru Vishnu..guru hi Mahesh hain mare..
Guru Swami Guru Malik Guru Devta hain bas mere..
Charan Raj Seesh pe lagao..mere guru dev aaye hain
Mere guru dev aaye hain..

Baharoon Phool Barsao Mere Guru Dev Aaye hai....Mere Guru Dev Aaye hain..

Mukkadar aazmana hai...yahan par aazma dekho...
kismat ko badaldenge inhe aapna karke dekho...
ye jholiyan pal main hi bhar denge, ye daya Bhandar aaye hain Daya bhandar aaye hain ..

Baharoon Phool Barsao Mere Guru Dev Aaye hai....Mere Guru Dev Aaye hain.....



                                 BHAJAN 3


तर्ज़-हमें तो लूट लिया मिल के-----।

टेक--हमें तो लूट लिया श्याम इस निराले ने।
       बड़े दिल वाले ने बड़ी शान वाले ने॥

1.तेरी यह साँवली सूरत जो मन को भाई है।
   मेरी रातों की नींद तुमने ही चुराई है।
    मेरे इस रोम रोम में तू ही समाया है।
     दिल के हर कोने से आवाज़ बस ये आई है।
      ऑंखों की राह से इस दिल में उतर आओ तुम।
        कुटिया ये आपके लिये ही बस सजाई है॥

2.मुझ पे जादू चला के मस्त ऐसा कर डाला।
   न रही होश प्यार में मैं हुआ मतवाला।
    कभी पिया न आज तक भी मैने ऐ साजन।
     पिलाया तुमने मझे ऐसा प्रेम का प्याला।
      हुआ मदहोश मैं पीकर के जामे मुहब्बत को।
        तेरे दीदार ने मदमस्त ऐसा कर डाला॥

3.तेरी ही ज़ात का हूं शाम मैं तो दीवाना।
   शमां तू है प्रभु और मैं हूँ तेरा परवाना।
    तेरा आशिक हूं मेरा धर्म और ईमाँ तू ही।
     पेश चरणों में करूं श्याम दिल ये नज़राना।
      करो कबूल मेरी विनती मेरे मालिक तुम।


                         BHAJAN 4

                   
तर्ज़-मुझे नींद न आये.., मुझे चैन ना आयो।।

टेक-तेरे दर जब आये प्यारे दर्शन पाये।
      ज़िया झूम झूम ये गाये कि तेरा मैं।
         तेरा हो गया तेरा मैं तेरा हो गया॥

1. प्यारी छवि ये मेरे मन को भाई है।
     जीवन में ये मेरे बहारें लाई है।
       ज़िन्दगी ये खुशहाल है नाम से मालामाल है।
         तेरा रूप ये सुहाये मन मयूर सुख पाये।
           जिया झूमझूम ये गाये कि तेरा मैं तेरा हो गया।

2. सब सृष्टि से न्यारा ये तेरा दर है।
     दर ये तुम्हारा भक्ति भरा इक सागर है।
       खुशियाँ यहां सब मिलती हैं।
         सूखी कलियां भी खिलती हैं।
            तुझसे भक्ति जो पाये तुझसे शक्ति जो पाये॥
              जिया झूम झूम ये गाये कि तेरा  मैं---।

3. इक पल भी न तुझको कभी भुलाऊँगा।
     याद में तेरी सब कुछ ही मैं लुटाऊंगा।
       तुझसे ही मेरी शान है तुझ में ही मेरे प्राण हैं।
         दिल बलिहारी जाये ज्यों ही चरणों में आये।
           ज़िया झूमझूम ये गाये कि तेरा मैं तेरा हो---॥


                   BHAJAN 5


तर्ज़-मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियाँ----.
    टेक-आज आई है खुशी की बहार सजनों।
        पूरे सन्तों के हुए हैं दीदार सजनों।
        खुशी मनाओ रल मिल गाओ मंगलाचार सजनों॥

    1. बैठे सामने हैं दीन दयाल दाता।
         दर्शन पालो करेंगे निहाल दाता।
            ये दया निधान ये कृपा निधान।
               तिलक लगाओ करें कमाल दाता॥

    2. आओ श्रध्दा से मस्तक झुकाओ संगतो।
         प्रेमा भक्ति की भीख यहां पाओ संगतो।
            ये ऐसा द्वारा भरा है भण्डारा।
               खाली न जाओ संगतो॥

    3. ये है द्वारा सुखों की खान प्यारेओ।
         ऐसे द्वारे पे जाओ कुर्बान प्यारेओ।
           शान्ति मिलेगी खुशी मिलेगी।
              हो कल्याण प्यारेओ॥

     4. प्रेमी सतगुरु ये सब के सहारे हैं।
          तीनों लोकों में काम इनके न्यारे।
            ये जहां के वाली है शान निराली।
              पालनहारे हैं----- आज आई हैं॥




                BHAJAN 6


तर्ज़--साजन मेरा उस पार है----।
    टेक--खुशियों की आई बहार है।
         पाया कुल मालिक का दीदार है॥

    1.  मस्ती में झूमें मन हमारा जी।
...            देखा हमने इक अजब नज़ारा जी।
              मुरली की बाजे झनकार है॥

    2.  भागों से पूर्ण शुभ दिन आज का।
           जलवा है देखा श्री महाराज का।
              मन को मिला अब करार है॥

    3.  नाता प्रभु से है यह जन्मों का।
           फल है हमारे शुभ कर्मों का।
              मिला जो सतगुरु का दरबार है॥

    4.  ''प्रेमी'' श्री सतगुरु के गुण गायेंगे।
           प्रीतम से प्रेम को निभायेंगे।
              खुल जाये मुक्ति का भण्डार है॥



                       BHAJAN 7


तर्ज़--यमाँ यमाँ-----।


टेक--समाँ समाँ समाँ समाँ क्या खूबसूरत समाँ।
      सतगुरु ने मेरे की है दया हुई है हर शै जवाँ॥

1.मस्ताना मौसम है आज यहाँ रुत है रंगीली यहाँ।
...    सतगुरु प्यारे है सामने रात सजीली यहाँ।
    ऐसे नज़ारे मिले फिर कहाँ हुई है हर शै जवाँ॥

2.मस्ती मस्ती होती वहाँ नूरे गुरु हो जहाँ।
   खुद हो बिराजे गुरु शहनशाह फिर क्या कमी हो।
    सतगुरु है मेरे जहाँ के खुदा हुई है हर शै जवाँ॥

3.जिस शै पर यह डाले नज़र शै वह बदल जाती है।
   दुःख से भरी हो जो ज़िन्दगी खुशियों में ढल जाती है।
    सतगुरु कृपा से ही कायम जहाँ हुई है हर शै जवाँ॥

4.ऐसे गुरु जी को क्यों भूले हम इनसे मुहब्बत करें।
   इनके हैं ''प्रेमी'' इनके रहे कदमों पे इनके चलें।
    इन पर ही कर दे सभी कुछ कर्बां हुई है हर शै जवाँ॥



                          BHAJAN 8


तर्ज़--वादा न तोड़---।

टेक--कैसे दूँ छोड़-2, मेरी इस ज़िन्दगी को दाता।
                  तेरी है लोड़॥

1.   बड़ी मुश्किल से प्रभु मैने तुझे पाया।
         जब भी गिरा मैं मुझे तुमने उठाया॥
             मेरी इस ज़िन्दगी को दाता---॥

2.   तेरे नज़ारों पे कुर्बान जीवन।
         मैं वो नहीं जो छोड़ दूँ तेरा दामन॥
             मेरी इस ज़िन्दगी को दाता---॥

3.   श्री चरण कमलों में दीजै ठिकाना।
         मुझे जान कर सेवक कभी न भुलाना।
             मेरी इस ज़िन्दगी को दाता---॥

4.   तेरा हूँ ''प्रेमी'' मुझे तेरी ही आस है।
         द्वार तेरे का चाकर दासों का दास है।
             मेरी इस ज़िन्दगी को दाता---॥



                BHAJAN 9


तर्ज़-- सबसे सुन्दर सबसे प्यारा-------।
टेक-- दीना बन्धु करुणा सागर रहमत के भण्डार।
बड़ी ही आशा लेकर आया दाता तेरे द्वार।
ज़रा सा रहम कमा दो प्यास जन्मों की बुझा दो॥

...1. आ करके इस दर से कोई गया न खाली।
ऊँची शान सुनकर आया मैं भी सवाली।
पूरी कर दो दिल की तमन्ना ऐ मेरी सरकार॥

2. कमी नहीं कुछ भी है तेरे इस मयखाने में।
कर दो नज़र इनायत अपने इस दीवाने पे।
जन्म जन्म नहीं भूलूँगा तेरा ये उपकार॥

3. भर भर के जाम सबको पिलाये जाते हो।
किस कारण अब हमरी बारी में देर लगाते हो।
आज तो पीना है ज़रूर मत करो इन्कार॥

4. होश रहे न बाकी चढ़ जाये ऐसी खुमारी।
मान लो अब दाता छोटी सी विनय हमारी।
दास खड़ा तेरे दर पे लेकर तेरा आधार॥




               BHAJAN 10

तर्ज़-ज़िन्दगी प्यार का गीत है----।

टेक-तेरे दर पे गिरे आके हम सतगुरु जी उठाना पड़ेगा।
हैं भले या बुरे तेरे हम हमें अपना बनाना पड़ेगा॥

1. ये सुना है दयामय प्रभु बेकसों का मददगार तू।
... दीन दुखियों का दाता तू ही बेघरों का घरबार तू।
हमने भी थामा दामन तेरा चरणों लगाना पड़ेगा॥

2. माना हम तो हैं पापी बहुत घोर कष्ट भी हमने सहे।
भूल कर तुझको ऐ सतगुरु गम की धारा में बहते रहे।
अब लिया है तेरा आसरा हमें पार लगाना पड़ेगा॥

3. तेरे''प्रेमी'' हैं तेरे रहेंगे कीजिए हमपे नज़रे करम।
सेवा भक्ति करेंगे तेरी नाम तेरा न भूलेंगे हम।
पर्दा अज्ञान का जो पड़ा आप ही को हटाना पड़ेगा॥



              BHAJAN 11


तर्ज़--जब हम जवाँ होंगे----।

टेक--सतगुरु जहां होंगे सब सुख वहां होंगे।
दुःख गम कहां पायें इन्हें जो याद करेंगे।
जब याद करेंगे॥

...1.दीन दुखी के सतगुरु सदा सहायक हैं।
कष्ट हरन दुःखभञ्जन विघ्न विनायक हैं।
हैं दया के सागर ये इन्हें सब याद करेंगे॥

2.नाम गुरु में शान्ति बहुत ही भारी है।
सदना अजामिल गनिका इसी ने तारी है।
जप ले इसे जो भी वही दिल शाद रहेंगे॥

3.हर पल सतगुरु नाम को जो भी ध्याते हैं।
अपने पिया की मन में छवि बसाते हैं।
आवागमन से अपने को आज़ाद करेंगे॥

4.ऐसे गुरु की शरण में जो प्रेमी आये।
सच्चा नाम पा भवसागर से तर जायें।
आवागमन से अपने को आज़ाद करेंगे॥




                  BHAJAN 12



तर्ज़- रुक जा ओ जाने वाली ------।
टेक- सतगुरु मेरे आये, पर उपकार कमाने।
भूले हुये जीवों को, सतमार्ग दर्शाने॥

1. हम जीवों की देख दशा , प्रगटी सतगुरु मन दया।
... रहमत का सागर ये , अपनी मौज में आ ही गया।
दुखड़े सभी मिटाने॥

2. रोशनी नाम की देकर , अपने साये में लेकर।
परख अपने पराये की , करा दी है मेरे प्रभुवर।
नीच योनि से बचाने॥

3. हम बेफिकर हुये , जब से यह आधार मिला।
पूर्ण सतगुरु मिल गये , साचा दरबार मिला।
बिगड़ी हमरी बनाने॥

4. नहीं छोड़ेंगे हम ये कदम, जब तक है दम में दम।
खुश सतगुरु को करना सदा , समझा है हमने धर्म।
दास को संग मिलाने॥




                        BHAJAN 13


Jo gurumukh hote hain, guru naam dhyaate hain,
Shri aagya me rah ke,sachi khushiyan paate hain.


1. koi puche unse jo kya haal tumhara hai,
    satguru ji ki kripa hai bas yeh batlaate hain.


2.  gurumukh ka jeevan to foolo sa hota hai
     vo khud b mehkate h auro ko mehkaate hain.


3.  Koi puche unse jo kya kaam tumhara hai,
      Shri aarti pooja seva sumiran dhyan batate hain.


4.   Koi puche unse jo kahan rahte hain bhagwaan,
      Shri Pryagdham aur anandpur ka dham batate hain.


5.   Koi puche unse jo wahan par easa kya milta,
      Sewa,bhagti, prabhu naam, ki sachi daat batate hain.
 



                  BHAJAN 14




Hasta noorani mukhda ke kamal ho gaya
Jisne bhi darsh paya-3, vo nihal ho gaya


Aisa hua hai mujhpe asar, hatti nahi chehre se nazar
Sawariya ne dekha mujhe, bhool gaya mai apni dagar
Dekhu baar baar mukhda-3 k kamal ho gaya


Jee karta jee bhar dekhu, dekh ke aankhe band kar lu
Chain mille mujhe chain mille, nazar aaye mujhe tu hi tu
Kaise mai dil ko thamu-3 ke kamal ho gaya


Aane ki jhankar teri, dil me kare halchal aisi
Nazar uthao mujh par b, taras rahi aankhe meri
satguru ne dekha aise-3, mai behaal ho gaya



                       BHAJAN 15


अगर मालिक से मिलना है तो दिल मे शोंक पैदा कर
जरुरत है की बस दिल मे फकत उसकी तम्मना कर

१)  नही वह दूर  है तुजसे न तू खुद दूर है उससे
     फकत अपने व उसके दर्मिया का दूर पर्दा कर

२) हजारो ख्वाईशे दुनिया की दिल को देती है झटके
    गुरु के पाक दामन को जरा मजबूत पकड़ा कर

३) भयानक और गहरा भव समुन्दर पार करना है
    सहारा ले ले सतगुरु का न अपने पे भरोसा कर 

४) गुरु का दास बन कर दिल से उनकी बंदगी करना
     यही मकसद है ज़िन्दगी का , यही मकसूद अपना कर



                              BHAJAN 16


 इक याद तुम्हारी याद रहे और दिल में किसी की याद न हो
मेरे दिल की सुन्दर नगरी में, कोई तेरे सिवा आबाद न हो
एक याद तुम्हारी याद रहे और दिल में किसी की याद न हो
इक याद . इक  याद . इक याद ............

ये मेरी निगाहें तेरे ही, दीदार की भगवन प्यासी हो
तेरी दीद बिना दिलबर प्यारे  कहीं जीवन यू बर्बाद न हो  ..1..

तेरी याद की मस्ती में खो कर सुध भूल के तुझको पा जाऊ
तेरा नाम रहे हर दम लभ पर  बस और कोई फ़रियाद न हो   .. 2 ..

हर गीत मेरा तेरी भक्ति का  दीवाना बना दे दुनिया को
न दास रहे कोई दिल ऐसा  जिस दिल में तुम्हारी याद न हो   .. 3 ..

इक याद तुम्हारी .........


                         BHAJAN 17


Baharo phool barsao mere guru dev aye hai,
Mere guru dev aye hai,
Bhagti k pusp barsao mere guru-dev aye hai,
Mere guru-dev aye hai,



jidhar ko najar jati hai, najare hi najare hai,
shri guru dev k charno mai, share hi share hai,
gunaho tum na sharmao, mere guru dev aye hai, 
mere guru dev aye hai,

guru brahma, guru vishno, guru hi mahesh hai mere,
guru swami, guru malik, guru devta hai bus mere,
charn-rj shish pe lagao, mere guru dev aye hai, 
mere guru dev aye hai,

muqdar aj mana hai yaha per aj ma deko,
ye kismat ko badal degay inhe apna kar dekho,
ye jholiya pal mai bhar degay ye daya bhandar aye hai  
daya bhandar aye hai...

 

                                BHAJAN 18


Mukh duniya modegi satguru tu mukhda na modien ,
Meri lagi priti nu satguru tu aivein na todien.....


  Teri khatir satguru pyare ,
  Chod chuki mai rishte saare ,
  Tera palla fadeyai ve ,
  Data adh vichkar na chodien......


  Loki maran mene tanne ,
  Apne mere hoye begane ,
  Mai vinti karni haan ,
  Satguru tu rishta na todien......


  Teri sadi preet purani ,
  Aah gal aaj tak kise na jani ,
  Tere dar aayi aan ,
  Mainu dar ton na khali modien......


"TERE DARBAR KI SATGURU , NIRALI SHAAN DEKHI HAI !
BAKHSHISH TERI GALIYON ME , KHUD CHAKKAR KAT'TI DEKHI HAI....
FAILAYE JISNE KAR APNE , TERE DARBAR ME DATA !
TUJHE DETE NAHI DEKHA , PAR JHOLI BHARI DEKHI HAI...."

                              


                      BHAJAN 19

bhar de re shyam jholi bhar de, na bahlao baato me

nadan hai anjan hai, shyam tu hi mera bhagwan hai
tujhe chahu tujhe pau, mere dil ka yahi to arman hai
padhle le shyam dil ki padh le, sab likha hai ankho me
bhar de re.............


meri naiya o  kanhiya, par kar de tu ban ke khivaiya
mai to hara, gum ka mara aaja aaja o bansi ke bajiya
le le re shyam ab to le le mera hath hatho me
bhar de re.................




                    BHAJAN 20


mera swami tu, mera daata tu
mera sab kuch tu, pita mata tu


har karam apna karenge ae prabhu tere liye
dil bhi tera, jaan bhi teri, aur hain hum tere liye
apne jiwan ka guruji har karam tere liye....dil bhi tera.........


dar badar tha main bhatakta, na mila koi aasra
jab se thaama tera daaman, mil gaya mujhe aasra
ab to duniya ki utaare har sharam tere liye.....dil bhi tera.......


tu hi meri aarju, tu hi meri justuju
tujhse mera kya chupa hai, haale dil ab kya kahu
tujhse hi abaad mera har chaman tere liye.....dil bhi tera........


tu khuda tu isht hai, tu mera bhagwan hai
tujhse hi hai kaam mujhko, tujhse hi mera naam hai
raat din jo bhi karu main har karam tere liye......dil bhi tera.......


daas tera hu guruji, tujhko har pal chahu main
har waqt teri jarurat, aur mutwat paau main
teri raaho me utha jo har kadam tere liye.......dil bji tera........

                      


                    BHAJAN 21


Kuch soch vichar le aie prani ye janam nh har bar mile,
tera lok prlok sawar jaye jo satguru taran haar mile,

is fani duniya mai bande tu bhagti kamane aya hai,
jhuti mamta k dhando main nhi mul gavane aya hai,
chaht ho mann mai yahi tere SHRI GURU charno ka pyar mile,
tera lok prlok sawar jaye jo satguru taran haar mile,

grantho ki vani pad sun k yadi us per pura aml karo,
sudhar k apne karmo ko,apna jivan tum safal karo,
fir aise gurmukh pyaro ko SHRI PARAMHANSH avtar mile,
kuch soch vicharle aie prani ye janam nh hr br mile,

le karke k sahara satguru ka kata kar mann ka badl dale,
bhagti ki ghadi per chad ke marg apna hi badl daale,
nij desh pauch k daas tujhe malik ka sacha dwar mile,
tera lok prlok sawar jaye jo satguru taran haar mile.
 
 
                    BHAJAN 22
 
तर्ज़--साजन मेरा उस पार है----।

टेक--खुशियों की आई बहार है।
पाया कुल मालिक का दीदार है॥
 
 मस्ती में झूमें मन हमारा जी।
... देखा हमने इक अजब नज़ारा जी।
मुरली की बाजे झनकार है॥
 
भागों से पूर्ण शुभ दिन आज का।
जलवा है देखा श्री महाराज का।
मन को मिला अब करार है॥
 
 नाता प्रभु से है यह जन्मों का।
फल है हमारे शुभ कर्मों का।
मिला जो सतगुरु का दरबार है॥
 
 ''प्रेमी'' श्री सतगुरु के गुण गायेंगे।
प्रीतम से प्रेम को निभायेंगे।
खुल जाये मुक्ति का भण्डार है॥