|| श्री सतगुरु जी आपकी ओट है ||
पूरण सतगुरु मिले हमें, मिटे सब कस्ट भ्रमजाल |
संतो का संग मिला, हम तो हो गए मालोमाल ||
गुरमुख गुरमुख सभी कहे गुरमुख बिरला कोए |
आप रमत संसार में गुरु के आस पास न होए ||
गुरमुख सो ही जानिए जो गुरु जैसे होए |
सुख दुःख व्यापे नहीं रहे निराले होए ||
नहीं चाहिए धन दौलत, हमें तो तेरा नाम काफी है
नहीं चाहिए कोई जाम, हमें तो तेरा दीदार काफी है
जो जन गुरमुख भये, ताको तो डर नाही |
जीव रहे जगत में, मन सतगुरु के माहि ||
जो जन निगुरा भये, रहे संसार के माहि |
आवागमन न छूटी सके, रहे काल के माहि ||
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