प्रेम भाव
आज कल याद कुछ और रहता नहीं, एक बस आपकी याद आने के बाद
याद आते ही दीदार दे दीजिये, और ले जाईये हमको अपने ही साथ !
अपने चरणों में मुझ को बसा लीजिये, और आनंदपुर मेरा घर बना दीजिये,
क्या करें दिल कहीं और लगता नहीं, श्री आनंद पुर को दिल में बसाने के बाद !!
तेरी लीला के अजब फसाने सुने, तेरे जलवो के किस्से पुराने सुने !
जब से जलवों को देखा प्रभु आपके, याद कुछ न रहा उस नज़ारे के बाद !
आपका रूप दिल से निकलता नहीं, अपने दिल पे कोई जोर चलता नहीं
दास की चरणों में बस अरज है यही, ध्यान चरणों में हो, स्वांस जाने के बाद !
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